Saturday, April 29, 2023

किसकी ज़मीन?

आप जब दो-चार घंटे के लिए, वो भी दस-पन्दरह दिन में कहीं आते-जाते हैं, तो उस जगह को, उन आदमियों को नहीं जानते, वैसे -- 

जैसे, जब किन्ही भी वजहों से आपको वहाँ रहना पड़ जाए। और कब तक, ये भी मालुम ना हो। इसी दौरान कुछ अजब से पहलुओं से मुलाकात हुयी, हमारी अपनी सभ्यता के। ऐसा भी नहीं, की इससे पहले बिलकुल भी वाकिफ़ नहीं थी। मगर, शायद ऐसे आमना-सामना नहीं हुआ, जैसे इस दौरान।  

आप 21वीं सदी की बात करते हैं, मगर कहीं-कहीं हालत आज भी शायद कई सदी पुराने हैं। और बनाये किसने? हमारे अपने पढ़े-लिखे जुआरियों ने। खासकर, वो काला कोट पहनकर न्याय की बात करने वालों ने? शायद कुछ हद तक। अब ऐसे-ऐसे cryptic केस लड़ोगे, तो समाज कहाँ जाएगा? उलझा रहेगा जातों, धर्मों में। निकल ही नहीं पायेगा, अजीबोगरीब जमीनों-जायदाद के विवादों से। जहाँ लोग लोभी, लालची और स्वार्थी ना भी हों, तो भी राजनीति के काले जाले और अजीबोगरीब बुने हुए ताने-बाने लोगों को धकेलेंगे ऐसे विवादों में। अपने-अपने राजनीतिक लाभ के लिए।   

और मान भी लिया जाए की राजनीती की मार शायद उतनी नहीं है, जितनी लालच या लोभ की, या एक परिवेश से उपजे मानसिक विचारों की। तो भी समाधान कहाँ है? मुझे कभी समझ नहीं आया की लड़कियों को अपना हिस्सा मांगना क्यों पड़ता है? और लड़कों को पैदायशी क्यों मिल जाता है? लड़की जहाँ पैदा होती है, वहाँ पराया धन कैसे हो सकती है? और वो अपने घर में ही पराया धन है, तो आगे जाके किसी ससुराल में अपना धन कैसे हो सकती है? सबसे बड़ी बात, यहाँ औरत सिर्फ़ और सिर्फ़ एक आदान-प्रदान का धन है? जैसे की जमीन किसी की? भला जमीन भी कभी किसी की हुयी है? हाँ, जमीन मरने के बाद सबको मुट्ठी भर जगह जरूर दे देती है। फिर वो राजे हों या रंक। किसके साथ गयी है? या जाने के बाद उसी की रही है? राजे-महाराजाओं की? या उनकी औलादों की? राजनीतिक मैप पर कुछ लाइन्स खींच देने से, या बाड़ें, दीवारें, हथियारबंद आदमी खड़ी कर देने भर से?

इस समाज के औरतों की ज़्यादातर समस्याएँ, इसी मानसिकता की ऊपज हैं। और सिर्फ़ औरतों की ही नहीं, बल्कि अपने आप में उस समाज की भी। इसका सीधा-सा समाधान है, की जहाँ लड़कियों को उनका हिस्सा न मिले या जिसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े, ऐसी जमीन को उसके न रहने पर भी सरकारी घोषित कर दिया जाए। क्युंकि, ऐसे समाज में ऐसी लड़कियों को खत्म करने के चांस भी बढ़ जाते हैं। ख़ासकर, जब ताने-बाने के जाले पुरने वाले राजनीति से प्रेरित हों। 

मगर ऐसा सिर्फ लड़कियों के साथ हो, ये भी जरूरी नहीं। दुसरी किस्म की समस्याएँ भी हों सकती हैं। जैसे की ज़्यादातर, ज़्यादा शराब या ड्रग्स लेने वालों के साथ होता है। समझ से परे है, की जो इंसान बोल क्या रहा है, उसे ये मालुम हो या ना हो, मग़र वो अपनी जमीन बेचने लायक है? या बोतल थमाई ही ऐसे लोगों द्वारा जाती हैं, जो उस जमीन-जायदाद पर निग़ाह रखते हैं? ज़्यादातर ज़वाब शायद हाँ में ही होंगे। 

वैसे किसी के पास पैदायशी सैकड़ों एकर हों और किसी के पास कुछ भी नहीं। आप पैदा कहाँ हुए हैं, यही आपकी नियती निर्धारित कर दे, ग़लत तो ये भी है। ऐसे लोगों को भी कुछ तो न्यूनतम मिलना चाहिए। 

Sunday, April 2, 2023

बाहरी दखल और सामानांतर केस

जितना ज़्यादा आप सामानांतर केसों का विश्लेषण करेंगे, उतना ही समझ आएगा की अपने आप जैसा कुछ नहीं है। बहुत जगह, बहुत तरह के जबर्दस्ती घड़ने के तरीके हैं। चालाकी और धूर्तता के तरीके हैं। 

जो केस जितना ज्यादा एक जैसा-सा दिखता है, उसमें उतनी ही ज्यादा जबरदस्ती घड़ाई हुई है। जो बाहरी दख़ल के बिना संभव ही नहीं है। जहाँ Campus Crime Cases में इनके प्रमाण Documented हैं। वहीँ सामाजिक घड़ाई में बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना। आधी-अधूरी जानकारी देना। इधर का उधर, उधर का इधर करना या बताना। कुछ-कुछ हेराफेरी जैसा-सा ही। हेराफेरी करने के लिए कुछ उपयुक्त परिस्थितियाँ, जैसे:  

जिस जगह मनमुटाव या आपस में फुट ज्यादा होगी। 

विचारों में मदभेदों को स्वीकार करने की सहनशीलता कम होगी।

लोग कान के कच्चे ज्यादा होंगे। 

आपस में बात करने की बजाय, बाहर वालों से ज्यादा बात करते हों। 

या किन्ही केसों में एक दूसरे के बारे में जानकारी किसी और से लेते हों, किसी भी परिस्थिति वस। 

शांत दिमाग की बजाय जल्दी गुस्सा करने लगते हों। 

और भी ऐसी ही कितनी परिस्तिथियाँ हो सकती हैं, जहाँ इन्हे घड़ना आसान हो जाता है । जहाँ फुट या मनमुटाव ना भी हो, या ऊपर दी गयी जैसी कोई परिस्थियाँ न भी हों, वहाँ भी शातिर  लोग जाने कैसी-कैसी परिस्थियाँ पैदा करने का मादा रखते हैं।

आजकल ऐसा ही कुछ आसपास चल रहा है, जिसके परिणाम 2024 तक ही शायद खतरनाक रूप में सामने आ सकते हैं। जो इस घड़ाई के मोहरे बने हुए हैं, उन्हें खुद नहीं मालूम की वो रोबोट्स की तरह प्रयोग हो रहे हैं। उनके अपने लिए इसके परिणाम सही नहीं होंगे।